सुमेरपुर(पाली) पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जल स्रोत जवाई बांध से किसानों की रबी फसल सन् 2025-26 के लिये सिंचित क्षेत्र में नहरी पानी व पेयजल पानी के आंवटन के लिये जल वितरण उपयोगिता समिति की बैठक संभागीय आयुक्त जोधपुर डॉ. प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता में आज शनिवार को जवाई बांध विश्राम गृह में आयोजित की गई। इसमें जालोर व पाली जिले में सिंचाई व पेयजल के लिए जल वितरण को लेकर निर्णय लिया गया। पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग के कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि इस बार इंद्रदेव की मेहबानी से जवाई बांध पानी से पूरी तक भरा गया था। इस कारण कई गेटों को खोलना पड़ा। अब बारिश का दौर थमने के बावजूद इसमें पर्याप्त मात्रा में पानी का भंडारण है। जल वितरण समिति के समस्त लोगों की मौजूदगी में निर्णय लिया गया कि जालोर व पाली जिले में वर्ष 2025-26 की रबी फसल की सिंचाई के लिए 4900 एमसीएफटी पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इतनी मात्रा में वर्ष-2017 के बाद पहली बार सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा। जबकि वर्ष-2024-25 में 4400 एमसीएफटी पानी सिंचाई के लिए उपलब्ध हुआ था। उन्होंने बताया कि इसी तरह इस वर्ष पेयजल के लिए भी 2917 एमसीएफटी पानी मिल मिलेगा।

बैठक में जोराराम कुमावत ने किसानों से चर्चा करते हुए कहा कि जल का संरक्षण व इसके दुरुपयोग न हो इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने सिंचाई के लिए व पीने के लिए पानी की आवश्यकता के बारे में सभी का पक्ष सुना। बैठक में सभी की सहमति से ये निर्णय लिया गया की जवाई बांध के 7817 एमसीएफटी पानी में से 4900 एमसीएफटी सिंचाई के लिए व पीने के लिए 2917 एमसीएफटी पानी 30 सितंबर-2026 तक दिया जाएगा। यह पानी पेयजल की आवश्यकताओं को पूर्ण कर पाएगा और इससे पेयजल की भी समस्या नहीं आएगी। इसके लिए विभागीय अधिकारियों से चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि इस बार कुल 57 गांवों यानी पाली जिले के सुमेरपुर ब्लॉक के 33 व जालोर जिले के आहोर ब्लॉक के 24 गांवों के 38600 कृषक परिवार लाभांवित होंगे। इस पानी से 38671 हैक्टयेर सिंचाई योग्य भूमि पर रबि की फसलें बोई जा सकेंगी। रोजाना लगभग 50 एमसीएफटी पानी की निकासी जवाई बांध से होगी।

इस मौके पर जालौर-सिरोही सांसद लुंबाराम चौधरी, आहोर विधायक छगन सिंह राजपुरोहित, सम्भागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह, जिला कलेक्टर पाली लक्ष्मीनारायण मंत्री, जालोर कलेक्टर प्रदीप गंवाडे, किसान संघर्ष समिति अध्यक्ष जयेंद्र सिंह गलथनी सहित समिति सदस्य, संगम अध्यक्ष, विभागीय अधिकारी गण, प्रशासनिक अधिकारीगण, जनप्रतिनिधि और अन्य कार्यकर्त्ता गण मौजूद रहे।







