जयपुर। उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने आज शनिवार को विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल आभानेरी में चल रहे दो दिवसीय ‘आभानेरी फेस्टिवल’ में भाग लिया। उन्होंने फेस्टिवल के दूसरे दिन आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ लिया और चांद बावड़ी का अवलोकन किया। उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने चांद बावड़ी का अवलोकन करते हुए वहां मौजूद अधिकारियों से इसके इतिहास की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने चांद बावड़ी के समीप स्थित हर्षद माता मंदिर पहुंचकर नवरात्र के अवसर पर मंदिर में पूजा-अर्चना की। मंदिर के पुजारी ने उप मुख्यमंत्री को चुनरी ओढ़ाकर स्वागत किया। उपमुख्यमंत्री ने आभानेरी फेस्टिवल में आयोजित हो रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी भाग लिया और पद्मश्री अनवर खान द्वारा प्रस्तुत किए गए कार्यक्रम का आनंद लिया। उन्होंने पद्म अनवर खान और उनकी टीम से बातचीत की और उनका स्वागत किया।
चांद बावड़ी काफी अद्भुत, सुंदर और भव्य’
इस अवसर पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि आभानेरी की चांद बावड़ी काफी अद्भुत, सुंदर और भव्य है। हर किसी व्यक्ति को यहां पर आना चाहिए और इसे देखना चाहिए और इसके बारे में पूरी दुनिया को बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी विभिन्न जगहों पर जब जाते हैं तो भारत के पर्यटक स्थलों को बढ़ावा देने की बात कहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश और प्रदेश में काफी सुंदर और भव्य पर्यटक स्थल हैं और हमें इन पर्यटक स्थलों पर जाना चाहिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग और स्वयं उनका यह प्रयास रहेगा कि जो पर्यटक जयपुर व प्रदेश के अन्य जगहों पर आते हैं। वे आभानेरी भी आएं और यहां पर्यटकों की आवाजाही बढ़े।
उप मुख्यमंत्री ने मिट्टी का दीपक बनाकर दिया ‘वोकल फॉर लोकल’ का संदेश
उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी आभानेरी गांव पहुंची और उन्होंने ‘वोकल फॉर लोकल’ का संदेश दिया। इस दौरान वह आभानेरी में एक कुम्हार के पास रूकी। उन्होंने कुम्हार से बातचीत की और खुद ने भी मिट्टी के दीपक बनाए। उन्होंने कहा कि स्वदेशी वस्तुओं को अपनाना चाहिए और जो लोग स्थानीय स्तर पर उत्पाद तैयार कर रहे हैं उनके उत्पाद खरीदने चाहिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि दीपावली आने वाली है, ऐसे में हर व्यक्ति अपने घर पर मिट्टी के दीपक जलाएं और स्वदेशी अपनाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ‘वोकल फॉर लोकल’ का संदेश दे रहे हैं ताकि स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा मिल सके।







