जयपुर। “अब मैं चैन से जी सकूँगा’’, ‘‘अब मैं भी आत्मनिर्भर बनूँगी।” यह भावनाएँ हैं बूंदी जिले के दोताणा गाँव के मोहनलाल और बालदड़ा गाँव की कांता बाई की- जिनका छह दशकों से लंबित सपना मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल ग्रामीण सेवा शिविर में साकार हुआ।
सपनों को हकीकत में बदला शिविर ने
ग्राम पंचायत जयस्थल में आयोजित शिविर ने कई परिवारों को राहत पहुँचाई। दोताणा गाँव के मोहनलाल ने नम आँखों से बताया कि उनका परिवार 60 वर्षों से पुश्तैनी घर का मालिकाना हक पाने के लिए संघर्ष कर रहा था। पट्टे के अभाव में वे बैंक ऋण जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहे। शिविर में जब उन्हें आवासीय पट्टा मिला तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
कांता बाई के जीवन में आया आत्मविश्वास
बालदड़ा गाँव की कांता बाई की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उनका परिवार पीढ़ियों से अपने घर में रह रहा था। पर मालिकाना हक का दस्तावेज न होने से वे असहाय महसूस करती थी। शिविर में पट्टा मिलने के बाद उनके चेहरे पर आत्मविश्वास की चमक झलक उठी। उन्होंने कहा कि यह पट्टा मेरे लिए सिर्फ एक कागज़ नहीं। बल्कि सम्मान और स्वावलंबन का प्रतीक है। अब मे बैंक से लोन लेकर मकान विस्तार कर सकती हूं। स्वरोज़गार के लिए लोन लेकर जीवन की नई शुरूआत कर सकती हूं।
सरकार की पहल से खुल रहे नए रास्ते
मोहनलाल और कांता बाई दोनों का मानना है कि पट्टे ने उन्हें मानसिक शांति देने के साथ ही आर्थिक प्रगति के द्वार भी खोल दिए हैं। लाभार्थियों ने इस कल्याणकारी पहल के लिए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार वास्तव में गाँव-गाँव पहुँचकर आमजन की समस्याओं का समाधान कर रही है।







