सिरोही में छोटे से छोटे गांव में बड़े उद्योग स्थापित करने की ताकत – राज्यमंत्री देवासी
सिरोही में ‘रूमा देवी संग – महिला सशक्तिकरण संवाद’ कार्यक्रम का तीसरा चरण आयोजित
सिरोही। राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) की ब्रांड एंबेसडर डॉ. रूमा देवी ने जिला मुख्यालय पर पणिहारी गार्डन में आयोजित महिला सशक्तिकरण संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता के दौरान सभी महिलाओं को संघटित होकर आपसी सहयोग से उद्यमशीलता अपनाने व आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ने का आव्हान किया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा की आज की महिलाएं स्वयं सहायता समूह बनाकर, आधुनिक तकनीक व आपसी मदद से छोटे से छोटे गांव में भी बड़े – बड़े उद्योग स्थापित करने की क्षमता रखतीं हैं। यह बात उन्होंने राजीविका और रूमा देवी फाउंडेशन के संयुक्त सहयोग से जिले में आयोजित ‘रूमा देवी संग – महिला सशक्तिकरण संवाद’ कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सैकड़ो महिलाओं के सामने रखी।प्रदेश के ग्रामीण विकास एवम पंचायती, आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने कहा कि सिरोही की महिलाओ को रूमा देवी से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ सकती है। उन्होने कहा कि सिरोही जिले के लघु कुटीर उद्योगो को बढावा देने के लिए राज्य सरकार राजीविका के माध्यम से अवसर उपलब्ध करवा रही है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जिले की महिलाओं को संगठित कर उनको उद्यमशीलता के प्रति प्रोत्साहित करना तथा उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा कर उनको आत्मनिर्भरता की दिशा में नए अवसरों से जोड़ना था। जिला परियोजना प्रबंधक राजीविका सिरोही अम्बिका राणावत ने कहा कि सिरोही जिले की महिलाओं से हुआ ये संवाद पूर्ण रूप से सफल रहा व उपस्थित बहनों ने अपनी समस्याएं व सवाल खुल कर रूमा देवी जी के सामने रखे। इसी बीच महिलाओं से बात चीत के दौरान जिले से अनेकों प्रेरणादायी उदाहरण भी सामने आए जिनके जीवन में राजीविका से जुड़ने के बाद सकारात्मक बदलाव आया है। उन्ही से एक उदाहरण रमीला का था जिन्होंने अपने पति के देहांत पश्चात हिम्मत नही हारी व आज इनके द्वारा बनायी गई साड़ियों का देश भर में निर्यात हो रहा है। एक उदाहरण हेमलता भी थीं, जिनको हाल ही में भारत की राजधानी दिल्ली में “लखपति दीदी” के रूप में सम्मानित किया गया है। कविता कुमारी ने अंत में कहा की ऐसे उदाहरण प्रदेश भर की महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं व उनको समाज में अपनी पहचान कमाने की हिम्मत देतें हैं।
इस दरम्यान महिला समूहों के उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन व सीधा संवाद सत्र का आयोजन हुआ
कार्यक्रम के दौरान डॉ. रक्षा भंडारी, जिला परिषद सीईओ प्रकाशचन्द्र अग्रवाल ने अपनी उपस्थिति से महिला उद्यमियों का हौसला बढ़ाया व कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि ये संवाद कार्यक्रम, जिनमें महिलाएं स्वयं अपनी बात रूमाजी के सामने रखती हैं, पहला कार्यक्रम है जो छोटे से छोटे गांव से आने वाली नारी शक्ति के जीवन में नई दिशा और समाज में पहचान दिलाने का कार्य कर रहा है। इस अवसर पर 700 से अधिक महिलाओं ने रोजगार, उद्यमिता और सामाजिक जागरूकता से जुड़े मुद्दों पर खुलकर चर्चा की व साबित किया कि महिलाएँ केवल घर-परिवार तक सीमित नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन की मजबूत कड़ी बन चुकी हैं।







