दो-दो मंत्री, 25 करोड़ की घोषणा… फिर भी पुल वहीं का वहीं, जनता परेशान, नेता नदारद,वोट के वक़्त “हम हैं आपके साथ”, अब संकट में “हम व्यस्त हैं साथियों!”,
पुलिया बंद, संपर्क टूटा: सुमेरपुर-शिवगंज मार्ग पर आवागमन पांचवें दिन भी ठप, लोग परेशान
सुमेरपुर। सुमेरपुर को शिवगंज से जोड़ने वाली जवाई बांध की पुलिया बीते 6 सितंबर को बांध के गेट खोले जाने के बाद तेज जलप्रवाह के चलते क्षतिग्रस्त हो गई। सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से इस मार्ग पर आवागमन बंद कर दिया। तब से लेकर अब तक, यानी लगातार पांच दिनों से आमजन इस मार्ग से वंचित हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासी हाईवे के ज़रिये लंबा रास्ता तय करने को मजबूर हैं, वह भी अपनी जान जोखिम में डालकर। स्कूल जाने वाले बच्चे, अस्पताल जाने वाले मरीज और रोज़ाना मजदूरी करने वाले लोग सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
*हरिशंकर मेवाड़ा ने किया पुलिया का निरीक्षण, कलेक्टर से मांगा हस्तक्षेप*
बुधवार को सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी रहे हरिशंकर मेवाड़ा ने मौके पर पहुंचकर पुलिया की स्थिति का जायजा लिया और चल रहे मरम्मत कार्य की गति पर असंतोष जताया। उन्होंने संबंधित ठेकेदार को रात-दिन काम कर जल्द से जल्द मरम्मत कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। मेवाड़ा ने जिला कलेक्टर एल. एन. मंत्री से फोन पर बातचीत कर मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। उनका कहना है कि यह मार्ग क्षेत्र का मुख्य संपर्क मार्ग है और इसके बंद होने से हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं।
*स्थायी समाधान का अभाव, तीन बार पहले भी टूट चुकी है यही पुलिया*
हरिशंकर मेवाड़ा ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब यह पुल क्षतिग्रस्त हुआ हो।
1973 में अतिवृष्टि के कारण पुल का आधा हिस्सा बह गया था।
2006 में भारी बारिश के चलते पुल के चार स्पान टूट गए थे।
2016-17 में जवाई बांध के गेट खोलने से पुल फिर क्षतिग्रस्त हुआ। इसके बावजूद आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया।

*”दो-दो मंत्री, फिर भी जनता बेहाल” — मेवाड़ा का सरकार पर हमला*
मेवाड़ा ने राज्य सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि क्षेत्र में दो-दो मंत्री होने के बावजूद जनता आज भी बुनियादी समस्याओं से जूझ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद से किसी भी मंत्री ने मौके का निरीक्षण करना तक ज़रूरी नहीं समझा, जबकि जनता गंभीर संकट में है। उन्होंने बताया कि 25 जून 2023 को शिवगंज में आयोजित एक समारोह में कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत और राज्य मंत्री ओटाराम देवासी ने इस पुल के निर्माण की घोषणा की थी। बजट में 20 करोड़ रुपए की मंजूरी मिलने के बाद अतिरिक्त 5 करोड़ रुपए की और घोषणा की गई, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बावजूद पुल निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ।
*”पानी कम हो चुका है, छोटे वाहन चलने दिए जाएं” — मेवाड़ा की प्रशासन से मांग*
मेवाड़ा ने यह भी कहा कि जवाई बांध से अब केवल 0.50 फीट पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे पुलिया के नीचे बनी रपट पर बहाव बहुत कम हो गया है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि सुरक्षा जांच के बाद कम से कम दोपहिया और छोटे वाहनों के लिए आवागमन तुरंत बहाल किया जाए ताकि लोगों को राहत मिल सके। इस संबंध में उन्होंने एसडीएम से भी बातचीत की है।
*प्रशासनिक उदासीनता पर सवाल, स्थायी पुल निर्माण की उठी मांग*
स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि हर बार बारिश और बांध से पानी छोड़े जाने पर यह पुल समस्या बन जाता है। बावजूद इसके, प्रशासन ने अब तक कोई ठोस और दीर्घकालिक समाधान नहीं किया है। स्थायी पुल निर्माण की मांग वर्षों से की जा रही है, लेकिन केवल घोषणाएं ही होती रही हैं। अब समय आ गया है कि प्रशासन और सरकार इस मसले को प्राथमिकता दें और जनता को राहत पहुंचाने के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई करें।
*फिलहाल स्थिति सामान्य, लेकिन आवागमन ठप*
फिलहाल जवाई बांध के गेटों से जल निकासी कम कर दी गई है, जिससे जल बहाव की गति धीमी हो गई है। फिर भी प्रशासन ने अब तक पुल से आवागमन की अनुमति नहीं दी है।लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही इस महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग को बहाल किया जाएगा और सरकार स्थायी पुल निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाएगी।







