“नन्ही पद्मजा का बड़ा कमाल — दो साल की उम्र में बनाया राष्ट्रीय रिकॉर्ड!” स्मरण शक्ति का कमाल! दो वर्ष की पद्मजा राठौड़ ने बनाया राष्ट्रीय रिकॉर्ड
सुमेरपुर (पाली)- छोटी उम्र, बड़ा कारनामा — यही कहावत सुमेरपुर की नन्ही प्रतिभा पद्मजा राठौड़ पर सटीक बैठती है। महज 2 वर्ष 10 माह की आयु में पद्मजा ने अपनी विलक्षण स्मरण शक्ति और संस्कृत के प्रति लगाव से राष्ट्रीय स्तर पर नया इतिहास रच दिया है। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने पद्मजा को उनकी अद्भुत क्षमता के लिए “आईबीआर अवार्ड” से सम्मानित किया है। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की संस्कृत प्रार्थना “नमस्ते सदा वात्सले मातृभूमे” को सिर्फ 1 मिनट 21 सेकंड में कंठस्थ सुनाकर यह उपलब्धि हासिल की। यह रिकॉर्ड 9 अक्टूबर 2025 को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की टीम द्वारा आधिकारिक रूप से प्रमाणित किया गया। संस्था ने पद्मजा की संस्कृत भाषा में स्पष्ट उच्चारण और सटीक प्रस्तुति की खुलकर सराहना की है। पद्मजा, जितेन्द्र सिंह गिलाकोर (आरपीएस) की सुपुत्री हैं। परिवार और पूरे क्षेत्र में इस उपलब्धि से खुशी की लहर है। उनके दादा कान सिंह (सरपंच, गिलाकोर) तथा नाना जसवंत सिंह इंदा (निंबो का गांव) ने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि पद्मजा ने न केवल परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। शहरवासियों और रिश्तेदारों ने भी पद्मजा की इस सफलता पर हर्ष व्यक्त करते हुए उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। संस्कृत भाषा के प्रति नन्ही पद्मजा का यह लगाव और असाधारण स्मरण शक्ति आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है।







