सभा में युवाओं से आह्वान – संविधान, एकता और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा करें
शिवगंज (सिरोही) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, शिवगंज नगर कांग्रेस कमेटी की ओर से आज शुक्रवार को स्थानीय कांग्रेस कार्यालय में एक भावनात्मक और प्रेरक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। अवसर था – देश की पूर्व प्रधानमंत्री और “आयरन लेडी” स्व. इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि तथा स्वतंत्र भारत के प्रथम उपप्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक व पूर्व मुख्यमंत्री सलाहकार संयम लोढ़ा रहे। जबकि अध्यक्षता पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष वजिंगराम घांची ने की। कार्यक्रम की शुरुआत दोनों महान नेताओं की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि और दो मिनट के मौन के साथ हुई।
इंदिरा गांधी ने भारत को आत्मनिर्भरता का साहस दिया” — संयम लोढ़ा
अपने उद्बोधन में संयम लोढ़ा ने कहा कि अगर भारत की राजनीति में किसी महिला ने अपने साहस, दूरदर्शिता और दृढ़ निश्चय से विश्व मंच पर भारत की पहचान बनाई, तो वह थीं इंदिरा गांधी। उन्होंने कहा – “हरित क्रांति से लेकर बैंकों के राष्ट्रीयकरण और 1971 के भारत–पाक युद्ध में निर्णायक विजय तक इंदिरा गांधी ने वह सब किया जो भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आवश्यक था।” लोढ़ा ने कहा कि सरदार पटेल ने देश की 562 रियासतों को जोड़कर एक अखंड भारत का सपना साकार किया — “यह केवल लौह पुरुष का नहीं, बल्कि लौह इच्छा शक्ति का परिचय था।”
“पटेल ने भी चेताया था – धर्म के नाम पर ज़हर फैलाना राष्ट्रविरोधी है”
लोढ़ा ने अपने भाषण में पटेल के ऐतिहासिक पत्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि 1948 में महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगा था और सरदार पटेल ने स्वयं आरएसएस प्रमुख गुरु गोलवलकर को पत्र लिखकर चेताया था कि — “जो संगठन धर्म के नाम पर ज़हर फैलाते हैं और समाज में दीवारें खड़ी करते हैं। वे देश के हित में नहीं।” उन्होंने कहा कि आज जब समाज में विभाजन की कोशिशें हो रही हैं, तब हमें पटेल और इंदिरा गांधी जैसे नेताओं के विचारों को पुनः जीवित करने की आवश्यकता है।
“इंदिरा गांधी ने कहा था–मेरा जीवन देश के लिए है”
नगर कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. मेड़तिया ने कहा कि इंदिरा गांधी ने अपने जीवन को पूरी तरह राष्ट्र सेवा को समर्पित कर दिया था।उन्होंने कहा – “ गांधी के ये शब्द — ‘मेरा जीवन देश के लिए है और देश के लिए ही मेरा अंत होगा’ — उनकी देशभक्ति और निडरता का सच्चा परिचायक हैं।” डॉ. मेड़तिया ने कहा कि सरदार पटेल की दृढ़ इच्छा शक्ति और नेतृत्व के बिना भारत आज यह स्वरूप कभी नहीं पा सकता था। उन्होंने याद दिलाया कि पटेल ने कहा था — “भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है; किसी एक धर्म की सत्ता थोपना संविधान के विरुद्ध है।”
“राष्ट्रनिर्माण का मार्ग सेवा, समर्पण और एकता से ही निकलता है”
कार्यक्रम के अंत में अध्यक्ष वजिंगराम घांची ने सभी अतिथियों, कांग्रेस पदाधिकारियों और नागरिकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह श्रद्धांजलि सभा हमें यह संदेश देती है कि राष्ट्रनिर्माण केवल भाषणों से नहीं, बल्कि एकता, सेवा और समर्पण से होता है। सभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, महिला कांग्रेस की कार्यकर्ता, युवा विंग और शहर के गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। शिवगंज कांग्रेस कार्यालय पूरे दिन देशभक्ति और एकता के नारों से गूंजता रहा।







