सुमेरपुर-शिवगंज मार्ग पर आए दिन हादसे, मंत्री जी खामोश
गड्ढों से जनता त्रस्त, अब तो नेता भी लहूलुहान
सुमेरपुर/शिवगंज। राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत के गृह क्षेत्र की सड़कों का हाल यह है कि लोग सड़क पर नहीं, बल्कि गड्ढों में सफर कर रहे हैं। जगह-जगह मौत रूपी गहरे गड्ढों ने हालात ऐसे बना दिए हैं कि सड़क पर चलना किसी जुआ खेलने से कम नहीं। गुरुवार की शाम शिवगंज भाजपा के निवर्तमान पार्षद राजेश अहीर को इन गड्ढों का खामियाज़ा भुगतना पड़ा। एलआईसी रोड स्थित सिणव तालाब के पास उनके वाहन का संतुलन बिगड़ गया और वे सीधे गड्ढे में जा गिरे। हादसे में उनके कंधे में फ्रैक्चर हो गया और सिर पर भी चोट आई।
*अहीर ने मीडिया से बातचीत में व्यंग्य करते हुए कहा*
“मेरे आगे चल रही कार तो गड्ढों से बचकर निकल गई, लेकिन मैं ‘भाग्यशाली’ निकला जो सीधा गड्ढे में समा गया। कंधा टूट गया और सिर पर भी चोट लग गई।”

*जनता त्रस्त, प्रशासन मस्त*
स्थानीय लोगों का कहना है कि सालों से इस सड़क की मरम्मत नहीं हुई है। जिम्मेदार विभाग सिर्फ कागज़ी खानापूर्ति कर रहा है, जबकि गड्ढे हर दिन नए हादसों को न्योता दे रहे हैं। सवाल यह है कि जब कैबिनेट मंत्री के गृह क्षेत्र की सड़कें इतनी बदहाल हैं, तो बाकी जगह की सूरत-ए-हाल का अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं।
*गड्ढों में विकास खोज रही जनता*
लोगों का कहना है कि चुनावी भाषणों में विकास का ढोल पीटा जाता है, मगर हकीकत यह है कि सड़कों पर विकास नहीं, बल्कि गहरे गड्ढे दिखाई देते हैं। आमजन तो रोज़ जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर है, अब तो जनप्रतिनिधि भी इन गड्ढों के शिकार बनने लगे हैं।
*शायद अब दर्द समझ आए*
लोगों में यह भी चर्चा है कि अब जबकि खुद जनप्रतिनिधि गड्ढों में गिरकर घायल हो गए हैं, शायद तब जाकर संबंधित विभाग और मंत्रीजी की नींद टूटे। जनता तंज कस रही है—“आम आदमी गिरे तो कोई सुनवाई नहीं, लेकिन नेता जी गिरे हैं तो शायद अब सड़क बन ही जाए।”







