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अजमेर में भी अब होगी लेपर्ड सफारी,24 किलोमीटर क्षेत्र में बढ़ेगा इको टूरिजम

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विधानसभा अध्यक्ष ने किया गंगा-भैरव घाटी का अवलोकन

अजमेर। अजमेर शहर को एक और बड़ी सौगात मिलने वाली है। शहर के काजीपुरा, खरेखड़ी, अजयसर और आस-पास के गांव में फैली गंगा-भैरव घाटी में लेपर्ड सफारी विकसित की जाएगी। रणथम्भौर, सरिस्का, रावली-टॉडगढ और जवांई बांध की तर्ज पर गंगा-भैरव घाटी को भी लेपर्ड सफारी और घाटी के मनोरम दृश्य देखने के लिए सैलानियों के लिए खोला जाएगा। सैलानी यहां घाटी में ट्रेकिंग के साथ ही सम्राट पृथ्वीराज चौहान के समय के अस्तबल, उनके राज्य के समृतियां, सैनिक छावनी स्थल और अन्य स्थानों पर घूम सकेंगे। ट्रेक पर सैलानियों के विश्राम की भी व्यवस्था होगी। आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में सैलानी यहां तेंदुओं को देखने आ सकते हैं। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने शनिवार को काजीपुरा स्थित गंगा-भैरव घाटी में बनने जा रहे लेपर्ड सफारी ट्रेक और रूट का अवलोकन किया। वन विभाग की मुख्य वन संरक्षक श्रीमती ख्याति माथुर और अन्य अधिकारी भी उनके साथ उपस्थित रहे। उन्होंने यहां प्रस्तावित लेपर्ड सफारी परियोजना की रूपरेखा को लेकर वन अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की। उन्होंने घाटी क्षेत्र का निरीक्षण कर टिकट खिड़की, रेस्ट प्वाइंट्स, सेल्फी प्वाइंट्स तथा पर्यटकों की सुविधा के लिए प्रस्तावित व्यवस्थाओं पर मौके का निरीक्षण एवं गहन चर्चा की। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि भैरव घाटी में लेपर्ड सफारी बनने से अजमेर को एक नई पहचान पर्यावरणीय पर्यटन स्थल के रूप में मिलेगी। अजमेर पहले से ही शिक्षा नगरी के रूप में विख्यात है और अब पर्यटन के क्षेत्र में इसे और समृद्ध करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एवं वन मंत्री से इस परियोजना को लेकर विस्तार से चर्चा की गई है। अजमेर के लिए लगभग 40 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। इनमें से अधिकांश को वित्तीय स्वीेकृति प्राप्त हो चुकी है। देवनानी ने कहा कि लेपर्ड सफारी परियोजना पर लगभग 19 करोड़ रुपए का व्यय प्रस्तावित है। इसमें शुरुआती चरण में लगभग 6 करोड़ रुपए से कार्य प्रारंभ किया जाएगा। पर्यटकों के सुगम आवागमन के लिए 7.5 किलोमीटर पुराने क्षतिग्रस्त ट्रैक का पुनर्निर्माण एवं 11.5 किलोमीटर नए ट्रैक का निर्माण किया जाएगा। मंदिर के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को भी इस ट्रैक से सुविधा होगी। इस परियोजना से स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार और आय के नए अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि अजमेर में फिलहाल कोई बड़ा पर्यावरणीय पर्यटक स्थल उपलब्ध नहीं है ऎसे में यह लेपर्ड सफारी परियोजना स्थानीय नागरिकों एवं पुष्कर आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को भी एक नया अनुभव प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि अजमेर के निवासियों एवं पर्यटकों को अन्य रमणीय स्थल भी जल्द उपलब्ध होंगे। बच्चों में विज्ञान की जिज्ञासा को बढ़ावा देने के लिए साइंस पार्क का निर्माण, वरुणसागर का सौंदयकरण, अजमेर एंट्रेंस प्लाजा सहित अन्य कार्य भी करोड़ों रुपए की लागत से कराए जाएंगे। इससे शहर का पर्यटन के क्षेत्र में कायापलट होगा।

Jawai News live
Author: Jawai News live

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